जनादेश टाइम्स- @ratnakartripathi–
- समय से इलाज कराएँ – कुष्ठ रोग से मुक्ति पाएं
- 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
कानपुर नगर- कुष्ठरोग को समाप्त करने तथा कुष्ठरोग से पीड़ित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से हर वर्ष 30 जनवरी को विश्व कुष्ठरोग उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। जनपद में लोगों को कुष्ठ रोग से सुरक्षित बनाने के लिए 30 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) से होगी । क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में कुष्ठ रोगियों के प्रति निस्वार्थ सेवा की थी। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ0 महेश कुमार ने बताया कि इस अभियान में कुष्ठ रोग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिता, जनसंदेश, पम्पलेट्स इत्यादि का सहारा लिया जाएगा । 30 जनवरी को जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, नगरों व वार्डों में कुष्ठ जागरुकता के लिए जिलाधिकारी का संदेश पढ़ा जाएगा तथा सभी ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधानों का संदेश उनके द्वारा पढ़ कर लोगों को सुनाया जाएगा । जिला कुष्ठ रोग सलाहकार डॉ0 संजय यादव ने बताया कि जनपद में पिछले वर्ष 30 जनवरी से 13 फरवरी 2020 तक चले स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान में 61 मरीजों में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई थी । जिनमें 32 मरीज पौसी बैसिलरी एवं 27 मरीज मल्टी बैसिलरी के थे। वर्तमान में जनपद में 107 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है व दवा दी जा रही है।
क्या है कुष्ठ रोग..?
जिला कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोग अन्य रोगों की तरह एक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरियम लैप्री नमक जीवाणु से होता है और यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से चमड़ी व तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। उन्होने बताया कि यदि समय से जांच और इलाज किया जाए तो यह बीमारी ठीक हो जाती है। यह कोई पूर्व जन्म का पाप नहीं हैं। बशर्ते इस बीमारी के लक्षणों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। ताकि इस बीमारी से होने वाली दिव्यांगता से लोगों को बचाया जा सकें।
क्या है लक्षण..?
• सामान्य त्वचा की तुलना में त्वचा पर थोड़े लाल, गहरे या हल्के चिन्ह /धब्बे हो।
• यह चिन्ह /धब्बे सुन्न हो सकते हैं तथा यहां तक कि यह त्वचा के प्रभावित हिस्से पर होने वाले बालों के झड़ने की समस्या को भी पैदा कर सकते है।
• हाथ, उंगली या पैर की ऊँगली का सुन्न होना।
• आँखों की पलकों के झपकने में कमी।