जनादेश टाइम्स- अध्यात्म टीम- @ambrishpsingh
जय गुरूदेव , जय बाबाजी
गुरुब्रह्मा ग्रुरुविष्णु: गुरुदेवो महेश्वर: ।
गुरू: साक्षात् परं ब्रह्म तसमै श्री गुरवे नम: ॥
जयगुरूदेव जयगुरूदेव बाबाजी हम आपकी शरण में हैं हमारी रक्षा करें– बाबाजी के अनसुने किस्से- घटना-5
कहते है कि गृह- त्याग के बाद, जब वो अनेक स्थानों के भृमण पर थे तभी एक बार महाराज जी एक स्टेशन से ट्रेन पर किसी वजह से बिना टिकट के ही चढ़ गए और प्रथम श्रेणी में जाकर बैठ गए। मगर कुछ ही समय बाद टिकट चेक करने के लिए एक कर्मचारी उनके पास आया और टिकट को दिखाने के लिए बोला, महाराज ने बोला टिकट तो नहीं है, कुछ वाद-विवाद के बाद ट्रेन के ड्राइवर ने एक जगह जाकर ट्रेन रोक दी । महाराज को उतार दिया गया और ट्रेन ड्राइवर वापस ट्रेन चलाने लगा । मगर ट्रेन दुबारा स्टार्ट नहीं हुई । बहुत कोशिश की गयी, इंजन को बदल कर देखा गया मगर सफलता हाथ नहीं लगी ।
इसी बीच एक अधिकारी वहां पहुंचे और उन्होंने ट्रेन को अनियत स्थान पर रोके जाने का कारण जानना चाहा । तो कर्मचारियों ने पास में ही में एक पेड़ के नीचे बैठे हुवे साधु (Neem Karoli Baba ) को इंगित करते हुवे, कारण अधिकारी को बता दिया । वो अधिकारी महाराज और उनकी दिव्यता से परिचित था। अत: उसने साधु को वापस ट्रेन में बिठाकर ट्रेन स्टार्ट करने को कहा । साधु ने इंकार कर दिया परन्तु जब अन्य सहयात्रियों ने भी महाराज से बैठ जाने का आग्रह किया तो महाराज ने दो शर्ते रखी । एक उस स्थान पर ट्रेन स्टेशन बनाया जायेगा, दूसरा कि साधु सन्यासियों के साथ भविष्य में ऐसा वर्ताव नहीं किया जायेगा। रेलवे के अधिकारिओं ने दोनो शतों के लिए हामी भर दी तो महाराज ट्रेन में चढ गए और ट्रेन चल पड़ी ।
बाद में रेलवे ने उस गांव में एक स्टेशन बनाया. कुछ समय बाद महाराज उस गांव में आये और वहां रुके तभी से लोग उन्हें नीब करोरी वाले बाबा (Neeb Karori Baba) या नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) के नाम से जानने लगे ।
जय बाबाजी नीम करौली , जयगुरूदेव , जय बजरंगबली।
ओमवीर(प्रताप)एस्ट्रोलाजर, वास्तुशास्त्र कंसलटेंट एंड मोटीवेशनल स्पीकर, समाधान क्लब, हरिद्वार, उत्तराखंड- व्हाट्सअप- +91- 9987366641 Email- omveersmadhanclub@gmail.com ट्वीटर-: @omveerpratap