वंशवादी भ्रष्टाचार ने भारत को किया है खोखला

भारत की स्वतंत्रता के साथ ही एक परिवार ने प्रजातंत्र का मुखौटा लगा कर जिस तरह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया उससे भारत के लिए बड़े नुकसान के रूप में कोसा जा रहा है. भविष्यवक्ताओं का मानना है कि भारत से ऐसे दलों का सफाया निश्चित है. ऐसे भ्रष्टाचारी दल अपनी दल दल में धंस रहे हैं. राजनीति और वंशवादी भ्रष्टाचार को लेकर अब भारत खुलकर विरोध कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी वंशवादी भ्रष्टाचार पर निशाना साधते हुए कहा है देश के कुछ राज्यों में यह राजनीतिक संस्कृति का रूप ले चुका है.वंशवादी भ्रष्टाचार के किसी मामले में कार्यवाही न करने से भविष्य के बड़े घोटाले की नींव को तैयार करते हैं. भ्रष्टाचार वंशवादी और विरासत के रूप में विकृत रूप ले चुका है.  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हमने देखा है कि भ्रष्टाचारियो की किसी पीढ़ी को जब दण्डित नहीं किया गया तो उनकी अगली पीढ़ी और भ्रष्ट होती चली गई. पीढियों और खानदानों में पनपने वाला भ्रष्टाचार राजनीतिक संस्कृति बन देश को खोखला कर रहा है. प्रधानमंत्री ने भले ही अपने बयान में किसी भ्रष्टाचारी परिवार का नाम न लिया हो पर भारत की जनता अब खुलकर उन भ्रष्ट राजनीतिक परिवारों को उजागर करने में खुद मोर्चा संभाले हुए है. भारत की जनता अब खुलकर कहने से नहीं हिचकती कि अंग्रेजों द्वारा कांग्रेस की रखी गई नींव में अब दीमक लग चुका है. कांग्रेस भरभरा रही है धसक रही है जिसका श्रेय दिग्गज परिवारवादी कांग्रेसियों को ही दिया जा सकता है. इसी तरह के निशाने में लालूप्रसाद और मुलायम सहित मायावती को भी लिया जा रहा है. जिन्होंने भारत में वंशवादी भ्रष्टाचार को पोषित कर भारत की जनता की भावनाओं को ठेंस पहुंचाई है. इनके परिवारों की पीढ़ी में भ्रष्टाचार विरासत के रूप में बढ़ता ही जा रहा है. जिसका खामियाजा भारत लगातार भुगत रहा है. कहने में आज कोई गुरेज नहीं है इन परिवारों में सबसे पहले नाम नेहरु वंशवादीयों का लिया जाता है जिसमें पीढ़ी दर पीढ़ी भ्रष्टाचार बढ़ा जिससे प्रेरित होकर अन्य राजनितिक रसूखदार परिवारों ने भी भ्रष्टाचार की विष बेल को सींचा और अकूत सम्पदा अर्जित करते चले आ रहे हैं. यदि समय रहते इनको दण्डित न किया गया तो भविष्य में कई और परिवार प्रेरित होंगें और भारत में वंशवादी भ्रष्टाचार की बेल को बढ़ाते रहेंगें. साथ ही ऐसे परिवारों ने सत्ता को हासिल कर जिन जिन अपराधों को अंजाम दिया है उनकी सूची भी बहुत लम्बी है. राजनीति में जिस तरह अपराधियों ने अपनी पैठ बनायीं है वो भी अत्यंत चिंता का विषय है. आज सभी दलों में अपराधियों को जगह देकर मानों उनके अपराधों को सम्मानित किया जा रहा हो. भारत का हर एक राजनितिक दल अपराध के दल दल में धंसा हुआ है जो भारत के विकास में दीमक ही लगाएगा. वंशवादी अपराधियों को राजनीतिक सम्मान देना भारत में अब बंद होना ही चाहिए.    

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