बदनाम होती मोहब्बत…राजीव नयन

राजीव नयन

ना जांच परख, ना रूप रंग, 

ना बदले में हो, चाह कोई ।

ना जात-पात, ना ऊंच-नीच, 

ना मज़हब जैसी राह कोई।

जब हो जाता हो ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना होश रहे बाक़ी अपना, 

ना बेहोशी ही तारी हो ।

ना मय हो, ना हो मयख़ाना, 

फिर आँखो चढी़ खुमारी हो । 

जब हो जाता हो ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है । 

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

परवाह न रहती दुनिया की,

दुनिया चाहे कुछ कहती हो ।

ना डर होता उस वक्त कोई,

ना सुध-बुध अपनी रहती हो ।

जब हो जाता हो ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना भूख लगे,ना प्यास लगे,

ना नींद रहे,ना जाग रहे ।

जैसे तप करता संन्यासी,

दिल में जलती सी आग रहे ।

जब हो जाता हो ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होती है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना रब की याद बकाया हो,

ना दूजा दिल को भाता हो ।

ना हूर जमे कोई जन्नत की,

ना लोभ कोई ललचाता हो ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

सजनी सजनी का जाप चले,

जैसे कोई करे इबादत है ।

एक झलक यार की मिल जाए,

ये भी इक बड़ी इनायत है ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होती है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

महबूब पे मरने मिटने का,

हर वक्त मंसूबा रहता हो ।

अपनी सारी दुनिया दे दूं,

जो खुद अपने से कहता हो ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना दिन देखे ना रात कोई,

हर वक्त मुँतजिर रहता हो ।

ना गर्म-सर्द  बरसात कोई,

हर जालिम मौसम सहता हो ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना नफरत बाकी रहती है,

ना होड किसी से चलती है ।

इक अपनी दुनिया बन जाती,

जब दिल की बत्ती जलती है ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

ना चैन मिले ना सुकूँ कहीं,

ना वफा दिखे ना रुसवाई ।

ना जाने कैसा रोग लगा,

ना जाने क्या आफत आई ।

जब हो जाता है ऐसे ही,

वो नाम मुहब्बत होता है ।

अक्सर इस दुनिया में यारों,

बदनाम मोहब्बत होती है ।

 ✍️ लेखक-राजीव नयन

नोट-यह लेखक के अपने विचार है इस लेख/कविता पर जनादेश टाइम्स किसी प्रकार का कोई दावा नही करता है।

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