जाने पवनपुत्र हनुमान की इन 10 अज्ञात बातों को..!

फाइल फोटो

जनादेश टाइम्स- अध्यात्म टीम- @ambrishpsingh

1. भगवान शंकर का अवतारबहुत कम लोग जानते हैं क‍ि हनुमान जी भगवान शंकर का अवतार हैं और वह अपनी माता के श्राप को हरने के लिए पैदा हुए थे ।

2. जब बजरंगबली ने धरा केसरिया रूपराम भगवान की लंबी उम्र के लिए सीता माता अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं ये बात सुनकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया था. तभी से बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चली आ रही ।

3. कैसे पड़ा नाम हनुमान अपनी ठोड़ी के आकार की वजह से इनका नाम हनुमान पड़ा, संस्कृति में हनुमान का मतलब होता है बिगड़ी हुई ठोड़ी ।

4. ब्रह्मचारी हनुमान पिता भी हैं राम भक्त हनुमान को सभी ब्रह्मचारी के रूप में जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं क‍ि उनका मकरध्वज नाम का एक बेटा भी था ।

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5. जब भगवान राम ने दी हनुमान को मौत की सजा एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र किसी कारणवश हनुमानजी से गुस्सा हो गए और उन्होंने प्रभु राम को हनुमान जी को मौत की सजा देने को कहा था. भगवान राम ने ऐसा किया भी क्योंकि वह गुरु को माना नहीं कर सकते थे लेकिन सजा के दौरान हनुमान जी राम नाम जपते रहे और उनके ऊपर प्रहार किए गए सारे शस्त्र विफल हो गए ।

6. बाल्मीक‍ि से पहले ही हनुमानजी ने लिख दी थी रामायणलंका कांड शुरू होते ही हनुमान जी ने हिमालय जाकर वहां के पहाड़ों पर अपने नाखूनों से रामायण लिखनी शुरू कर दी थी. जब रामायण लिखने के बाद बाल्मीक‍ि जी को ये पता चला तो वह हिमालय गए और वहां पर लिखी रामायण पढ़ी ।

7. भीम थे राम भक्त हनुमान के भाई पवनपुत्र हनुमान के भाई थे भीम क्योंक‍ि वह भी पवनपुत्र के बेटे थे ।

8. जब प्रभु राम की मृत्यु का अर्थ हनुमानजी को समझाना पड़ा प्रभु राम जानते थे क‍ि उनकी मृत्यु को हनुमानी स्वीकार नहीं कर पाएंगे और इस कारण से कहीं वह धरती पर उथल-पुथल न मचा दें. इससे बचने के लिए उन्होंने ब्रह्मा जी का सहारा लिया और हनुमान जी को शांत रखने के लिए उन्हें पाताल लोक भेज दिया ।

9. जब ह्रदय में प्रकटे राम और सीता माता, सीता ने प्रेम वश एक बार हनुमान जी को एक बहुत ही कीमती सोने का हार भेंट में देने की सोची लेकिन हनुमान जी ने इसे लेने से माना कर दिया. इस बात से माता सीता गुस्सा हो गईं तब हनुमानजी ने अपनी छाती चीर का उन्हें उसे बसी उनकी प्रभु राम की छव‍ि दिखाई और कहा क‍ि उनके लिए इससे ज्यादा कुछ अनमोल नहीं ।

10. 108 नामों में है जीवन का सार हनुमान जी के संस्कृति  में 108 नाम हैं और हर नाम का मतलब उनके जीवन के अध्ययों का सार बताता है ।

ओमवीर(प्रताप)एस्ट्रोलाजर, वास्तुशास्त्र कंसलटेंट एंड मोटीवेशनल स्पीकर, समाधान क्लब, हरिद्वार, उत्तराखंड-  व्हाट्सअप- +91- 9987366641  Email- omveersmadhanclub@gmail.com ट्वीटर-: @omveerpratap

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हरि ॐ नमो नारायणा 

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