जनादेश टाइम्स- अध्यात्म टीम- @ambrishpsingh
हिन्दू धर्म में एक विवाहित महिला को सिन्दूर की महत्ता भलीभांति ज्ञात होती है। सिंदूर को हमारे हिन्दू धर्म में सुहाग की निशानी माना जाता है। और एक विवाहित महिला के सम्मान में इसका बड़ा योगदान होता है । हिन्दू धर्म में एक विवाहित महिला को सिन्दूर की महत्ता भलीभांति ज्ञात होती है। सिंदूर को हमारे हिन्दू धर्म में सुहाग की निशानी माना जाता है। और एक विवाहित महिला के सम्मान में इसका बड़ा योगदान होता है। लेकिन सिन्दूर के बारें में हमें सही जानकारी कि सिन्दूर कैसे लगाया जाता है और सिन्दूर किसलिए लगाया जाता है इस बारें में हमें जानकारी नहीं होती है। और गलत तरीके से सिन्दूर का प्रयोग करने के कारण हमें दोष लगता है। जोकि पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़ा, गृह क्लेश तथा घर में गरीबी और दरिद्रता का कारण बनता है। सिन्दूर लगाने के पीछे अनेक कारण हैं। ज्योतिष कारण, सामाजिक कारण और वैज्ञानिक कारण।
शास्त्रों में बताया गया है कि अगर महिला सिन्दूर लगाने का सही तरीका जान ले तो उसकी शक्ति और अधिक बढ़ जाती है। जैसे कि त्राटक या मेडिटेशन से कोई भी व्यक्ति अपना सिक्थसेन्श यानि कि अपनी छठी इन्द्री जिसे हम आज्ञाचक्र बोलते हैं, खोल सकता है। जिस व्यक्ति का आज्ञाचक्र जाग्रत होता है उस व्यक्ति के अंदर दूसरे लोगों के मन की बात जानने की शक्ति आ जाती है। ठीक उसी प्रकार आपने गौर किया होगा कि जो महिला सदैव सिन्दूर लगाकर रखती है उन्हें कई बार ऐसा होता है कि जो भी कोई अनहोनी होने वाली होती है उसका आभास उन्हें पहले से ही हो जाता है। सभी चीजें उन महिलाओं को पहले से इसलिए ज्ञात हो जाती हैं क्योंकि उन महिलाओं का आज्ञाचक्र जाग्रत अवस्था में होता है। इसलिए ही नारी को शक्ति का स्वरूप माना गया है। आपने गौर किया होगा कि जब कोई भी गर्भवती महिला कन्या को जन्म देने वाली होती है तो उन नौ माह में महिला के साथ सभी अच्छी घटनाएं होने लगती हैं। उस महिला की जो भी मनोकामना होती है वह पूरी होती है। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि ये सभी घटनाएं इसलिए होती हैं कि वह महिला शक्ति को जन्म देने वाली होती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी स्त्री सदैव सिन्दूर लगाकर रखती है। उसमें ऐसी ऊर्जाएं जाग्रत रहती हैं कि जो उन्हें हर परेशानी से बचाए रखती हैं। और साथ ही अपने परिवार को भी स्वयं ही रक्षा प्रदान करती हैं।
कैसे प्रभावित करता है सिन्दूर…
शास्त्रों के अनुसार जो भी महिला अपनी मांग के सिन्दूर को अपने बालों के पीछे छिपा लेती है ऐसी महिला के पति को समाज में उचित मान-सम्मान नहीं मिलता है। ऐसी महिला का पति जिस ऊंचाई को छूना चाहता है वह वहां तक पहुंच ही नहीं पाता है। तथा ऐसे व्यक्ति हमेशा असफल रहते हैं। ऐसे लोग समाज और रिश्तेदारों के बीच में छिपकर रह जाते हैं। इसलिए सिन्दूर को जितना लंबा आप लगाएंगी और आगे की तरफ यानि माथे पर लगाएंगी तो उससे आपके पति का भाग्य उतना ही अधिक अच्छा एवं प्रबल होगा। क्योंकि माथे पर सिन्दूर लगाने से स्त्री की शक्तियां जाग्रत रहती हैं। कभी-कभी महिलाएं टेड़ी-मेड़ी मांग निकाल लेती हैं और वह उसी जगह पर सिन्दूर लगा देती हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही अशुभ माना गया है। ऐसा करना आपको आपके पति से दूर कर देता है। शास्त्रों में यह स्पष्ट बताया गया है कि महिला को सदैव नाक की सीध पर ही माथे और मांग में सिन्दूर लगाना चाहिए। आफिस में काम करने वाली महिला है या किसी कारण से आप सिन्दूर नहीं लगा सकती तो कम से कम जो आपके त्योहार होते हैं, आपकी सालगिरह होती है अथवा आपकी शादी की वर्षगांठ होती है अथवा आपके घर में कोई पूजा-पाठ होती है, करवा चौथ अथवा कोई तीज का त्योहार होता है तो इन अवसरों पर आप शास्त्रों के अनुसार अपनी मांग में सिन्दूर जरूर लगाएं। क्योंकि यहीं सिन्दूर आपके सुहाग की निशानी होती है। तथा सिन्दूर लगाकर आप कोई भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ करती हैं तो उसका फल कई गुना आपको प्राप्त होता है। नवविवाहित महिलाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जो विवाह के समय उन्हें सिन्दूर लगाया जाता है उस सिन्दूर को संभाल कर रखें। और जब कोर्इ विशेष कार्य अथवा विशेष पूजा आपके घर हो तो उस समय आप उस सिन्दूर को लगायें। इससे विवाह के समय आपको जो विशेष आशीर्वाद मिलता है उससे आपको हमेशा कार्यों में सफलता मिलती है। तथा आपके परिवार में खुशियां एवं समृद्धि वह बनाए रखता है। इसके साथ ही कभी भी महिला को बगैर स्नान किए सिन्दूर नहीं लगाना चाहिए । सबसे पहले महिला स्नान करें और उसके बाद श्रृंगार के समय सिन्दूर लगाए और उसके बाद उसे पूजा-पाठ करना चाहिए। सिन्दूर लगाते समय सदैव आप माता पार्वती को अपने ध्यान में लाएं । क्योंकि अखंड सौभाग्यवती का वरदान माता पार्वती की ही कृपा से मिलता है। कई महिलाएं व्यूटीपार्लर जाती हैं तथा वहां जो मेकअप करने वाली होती है वह खुद ही सिन्दूर महिलाओं की मांग में लगा देती है। परन्तु यह भी शास्त्रों के अनुसार अशुभ माना जाता है। आपको उन कर्मचारियों का अचार-व्यवहार का पता नहीं होता है और फिर भी आप उनसे सिन्दूर लगवाती हैं। जोकि सही नहीं है। हमेशा सिन्दूर अपने हाथ से अथवा अपने पति के हाथ से ही लगवाएं। अगर आप कामाख्या मंदिर कभी जाए तो वहां का सिन्दूर आप अवश्य लाए। कामाख्या माता के मंदिर का सिन्दूर बहुत ही चमत्कारी माना गया है। और इसे अगर कोई सुहागिन महिला प्रत्येक दिन अपने माथे पर लगाती है तो उसके घर-परिवार में सदैव खुशियां बनी रहती हैं। तथा ऐसी महिला सदैव सौभाग्यवती बनी रहती है। तथा ऐसी महिला और उसके पति के बीच रिलेशन सदैव-सदैव के लिए बना रहता है। इसके साथ ही यदि सपने में आपको सिन्दूर दिखाई दे तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। सपने में सिन्दूर का दिखाई देना ऐसा माना जाता है कि इससे आपको आपके मायके से कोई बहुत बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है।
ओमवीर(प्रताप)एस्ट्रोलाजर, वास्तुशास्त्र कंसलटेंट एंड मोटीवेशनल स्पीकर, समाधान क्लब, हरिद्वार, उत्तराखंड- व्हाट्सअप- +91- 9987366641 Email- omveersmadhanclub@gmail.com ट्वीटर-: @omveerpratap
हे कृष्ण हे कन्हैया हे गोविन्द हे गोपाल