
जनादेश टाइम्स- अध्यात्म टीम- Ankita
-एक शब्द है आकाशवाणी
-श्री कृष्ण के मामा को आकाशवाणी हुई, क़ि उसे मारने वाला पैदा हो चुका है ।
-देवकी और वसुदेव को आकाशवाणी हुई, क़ि अपने बच्चे को कंस से बचाने के लिये उसे किस तरह नंद बाबा के पास पंहुचा दे ।
-कुछ लोगों को संकट के समय स्पष्ट निर्देश, सिर के ऊपर कोई आवाज गूंजती हुई सुनाई देती है ।
– इन सबको ही आकाशवाणी कहते है।
-ये आवाज सिर्फ उसी एक व्यक्ति को सुनाई देती है ।
-उसके साथ अगर कोई और लोग है, तॊ यह उन्हे सुनाई नहीं देगी ।
-कुछ लोग किसी वस्तु को हाथ मेंं ले कर बता देते हैं, उसे किस किस व्यक्ति ने प्रयोग किया है। इस से क्या अपशगुन हो सकता है ।
-हर चीज और हर जगह की ऊर्जा होती है ।
-हर चीज अपने नजदीक आने वाले, या उसे प्रयोग करने वाले व्यक्ति की ऊर्जा को अपने मेंं इकठा कर लेती है।
-सभी चीजे, सभी जगह अपने सम्पर्क मेंं आने वाले लोगों की ऊर्जाओं को वातावरण मेंं फैलाती हैं।
-स्पर्श के माध्यम से या कल्पना द्वारा, लोग इसी ऊर्जा को ग्रहण कर के ,उस वस्तु या स्थान तथा उस से जुड़े लोगों के विषय मेंं जान जाते हैं ।
-जैसे डॉक्टर रोगी को देखते ही जान जाता हैं, इसे क्या रोग हैं ।
-आमतौर पर दूसरों के कपड़े या गहने या कोई भी चीज इस्तेमाल करने मेंं परेशानी होती हैं ।
-आप ने कोई सेकेंड हैंड चीज खरीदी ।
-जैसे ही चीज घर मेंं आई उसे इस्तेमाल करने का मन ही नहीं होता । जैसे कोई हमें रोक रहा हो ।
-कपड़े, गहने व फर्नीचर जैसी चीजे उन व्यक्तियों को छूती रहती हैं, जो इन्हे इस्तेमाल करते हैं।
-ये पदार्थ उन व्यक्तियों की शारीरिक, और मानसिक ऊर्जा तथा उनकी भावनाओ को ग्रहण कर लेते हैं।
-जब आप इन चीजो को प्रयोग करते हैं, तॊ वह ऊर्जाये और भावनाए आप की ऊर्जा के साथ मेल नहीं खाती । आप की कल्पना शक्ति यह जान जाती है ।
-आप असहज महसूस करते हैं। यही तॊ आकाशवाणी है, जो सिर्फ आप ही सुन रहे हैं।

ओमवीर(प्रताप)एस्ट्रोलाजर, वास्तुशास्त्र कंसलटेंट एंड मोटीवेशनल स्पीकर, समाधान क्लब, हरिद्वार, उत्तराखंड- व्हाट्सअप- +91- 9987366641 Email- omveersmadhanclub@gmail.com ट्वीटर-: @omveerpratap
ओम् नमो भगवते वासुदेवाय