वर्तमान या पूर्व विधायक, किसकी लोक प्रियता में हुआ इजाफा..? सटीक विश्लेषण कर रहे-वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर पांडेय

File Photo

जनादेश टाइम्स- उत्तर प्रदेश- 167-पुरवा विधान सभा, पंचायत चुनाव की रणभेरी बज चुकी है । परिणाम के साथ ही न सिर्फ मौसमी बल्कि विधान सभा चुनाव की भी गर्माहट शुरू हो जाएगी जो कुछ ही माह बाद धधकती आग में तब्दील होगी । लोग अगले विधायक को लेकर अभी से गुणा भाग लगाने में लग-गए हैं । खास बात यह कि राज्य में ताकतवर भाजपा सरकार व उसकी योजनाओं से प्रभावित लोगों में आज भी पूर्व की लोकप्रियता मौजूदा से अधिक है । हालांकि बहुत कुछ समय और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा । सिक्के का दूसरा पहलू यह कि कौन, किस दल से लड़ेगा । किसी के बारे में कुछ भी कहना जल्द बाजी होगी । 2022 की शुरुवात होते ही विधान सभा चुनाव होंगे । जाहिर है, पूर्व से लेकर मौजूदा तक की नजर अभी से विधायकी पर है, कहीं खिचड़ी भोज, तो कहीं पत्रकार सम्मान समारोह, किसान गोष्ठी, विकलांगों को ट्राई साइकिल वितरण जैसे कार्यक्रमों के जरिए वोटरों को लुभाया जा रहा है । वोट जुटाऊ आयोजनों का ग्राफ और बढ़ेगा लेकिन विधायक होगा कौन..? वैसे तो बहुत कुछ समय और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा । लेकिन जन चौपाल से छन-छन कर निकल रही आवाज़ों का सच यही कि मौजूदा विधायक की तुलना में पूर्व की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है लोगों के बीच अधिकतम मौजूदगी व सप्ताह के निश्चित दिनों में जनता दरबार की बातें करते लोग हर गली चौराहे पर मिल जाते हैं। गौरतलब है कि 2017 में हुए चुनाव में भाजपा से उत्तम लोधी, बसपा से चुनाव लड़े अनिल सिंह जो वर्तमान में विधायक हेै और बीजेपी में है व सपा से चार बार के विधायक उदयराज यादव ने चुनाव लड़ा था । 2022 में सभी दलों के चेहरे बदल सकते हैं । भाजपा से एक कद्दावर की सपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हैं । रणनीतिकार मानतें हैं कि सपा ने टिकट बदला तो हालात भी बदलेंगे । फिलहाल वक्त प्रधानों के चुनाव के साथ ही विधायकी को लेकर गुणा भाग शुरू हो गया है । पुरवा विधान सभा के चुनाव चाहे जब हों पर सत्ता से दूर सपाई खेमा का उत्साह काबिले तारीफ है और सत्ता में रहकर भी विपक्ष जैसे दुरदिन झेल रहे भाजपा सहित उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त निराशा है।नेतृत्व अपनों को, अपनी सरकार होने का एहसास करा पाने में फेल हो गया । हैरान करने वाली बात यह कि तथाकथित भाजपाई ही भाजपा को बदनाम कर रहें हैं ।

लेखक- जयशंकर पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार है

Leave a Reply