आप एक स्त्री हैं या पुरुष..प्रसन्नता का गेयर हमेशा अपने हाथ में रखें..!

फाइल फोटो

जनादेश टाइम्स- @ambrishpsingh

स्वयं का महत्व-
एक कहानी
वैवाहिक जीवन पर आधारित एक लाईफ स्किल सेशन में स्पिकर ने दर्शकों में उपस्थित एक महिला से पुछा “क्या आपके पति आपको खुश रखते हैं?”
इस प्रश्न पर उस महिला का पति बड़ा ही आश्वस्त था क्योंकि उनका वैवाहिक जीवन काफी सफल था, उसे पता था उसकी पत्नी क्या बोलेगी क्योंकि पुरी शादीशुदा जिंदगी में उसकी पत्नी ने कभी भी किसी भी बात के लिए कोई शिकायत नहीं कि थी।
महिला ने बड़ी ही गंभीर आवाज में जवाब दिया – “नहीं मेरे पति मुझे प्रसन्न नहीं रखते…”
पति बहुत ही चकित था और वह मौजूद बहुत से दूसरे लोग भी, परन्तु उसकी पत्नी ने बोलना जारी रखा – “मेरे पति ने मुझे कभी खुश नहीं किया और ना ही वे कर सकते है पर फिर भी मैं खुश हूँ।” मैं खुश हूँ या नहीं, यह मेरे पति पर नहीं बल्कि “मुझ” पर निर्भर है। मैं ही एकमात्र व्यक्ति हूं जिस पर मेरी खुशी निर्भर करती है।
मेरी जिन्दगी की हर परिस्थिति और हर पल में मै खुश रहना पसंद करती हूँ, क्योंकि अगर मेरी खुशी किसी दूसरे व्यक्ति, किसी वस्तु या किसी हालात पर निर्भर करती है तो यह मुझे पसंद नहीं और इससे मुझे बहुत तकलीफ होती है।
जीवन में जो कुछ भी है वह हर पल बदलता रहता है व्यक्ति, समृद्धि, पैसा, शरीर, मौसम, ऑफिस में बास, सुख-दुख, दोस्त और मेरी शारीरिक व मानसिक अवस्था भी। यह अन्तहीन सूची है और यही हमें प्रभावित करना चाहती है। मुझे खुश रहने का फैसला करना होगा, चाहे जीवन में कुछ भी हो। मेरे पास साड़ियाँ ज्यादा है या कम पर मैं खुश हूँ। चाहे मैं घर में अकेली रहूँ या बाहर घुमने जाऊँ, मैं खुश हूँ। चाहे मेरे पास बहुत पैसा हो या नहीं पर मैं खुश हूँ। चाहे टीवी पर मेरा पसन्दीदा सीरियल आ रहा है या क्रिकेट मैच, पर मै सदा खुश हूँ।
मैं शादी-शुदा हूँ पर मैं तब भी खुश थी जब मैं सिंगल थी। मैं अपने स्वयं के लिए खुश हूँ। मैं अपने जीवन को इसलिए प्यार नहीं करती क़ि वह दुसरो से आसान है, बल्कि इसलिए कि मैने स्वयं खुश रहने का फैसला किया है।
जब प्रसन्न रहने का दायित्व मैं अपने आप पर लेती हूँ तब मैं अपने पति के कंधों से अपनी देखभाल करने का बोझ हल्का करती हूँ। यह सोच मेरे जीवन को बहुत आसान बनाती है और यह हर किसी को भी बना सकती है, और यही एकमात्र कारण है, हम बहुत सालों से सफल और प्रसन्न वैवाहिक जीवन का आनन्द ले रहे है।

अपनी प्रसन्नता का गेयर किसी के हाथ में मत दीजिए।
प्रसन्न रहें, चाहे जीवन में बहुत गर्मी हो या बरसात।
चाहे आपके पास बहुत पैसा न हो, चाहे कोई आपको हर्ट करे, पति चाहे स्टेयरिंग सीट पर बेठे हो और गाड़ी सपाट रोड पर दौड़ रही हो या ऊबड़-खाबड़ सड़क पर हिचकोले खा रही हो, गियर हमेशा प्रसन्नता मॉड में ही रखे।
आपको कोई प्यार भी नहीं करेगा कोई भी सम्मान नहीं देगा जब तक आप स्वयं अपने आप को महत्व नहीं देगी। इसलिये आपको स्वयं को जानना बहुत जरूरी है, स्वयं के महत्व की जानकारी बेहद जरूरी हैं।

कुमार अथर्व

एस्ट्रोलाजर, वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ व मोटीवेशनल स्पीकर, समाधान क्लब हरिद्वार, उत्तराखंड  व्हाट्सअप-: +91-9987366641 ई-मेल-: kumaratharva@gmail.com टवीटर-: @kumaratharva2

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